केवल 7 माह में ग्रीन मैन ने तैयार किया घना वन
सूरत। ग्रीन मैन के तौर पर प्रख्यात बिजनेसमैन और पर्यावरणविद विरल देसाई ने उनके हार्ट्स एट वर्क फाउंडेशन के माध्यम से दिसंबर 2019 में इंडियन रेलवेज के सबसे पहले अर्बन फॉरेस्ट का निर्माण किया था। उधना आरपीएफ कॉलोनी के पास मियावाकी पद्धति से तैयार किए गए इस अर्बन फॉरेस्ट में 1100 से अधिक नेटिव स्पीसिस के पेड़ लगाए गए थे।
शहीद स्मृति वन के तौर पर इस अर्बन फॉरेस्ट के लोकार्पण को अभी साथ महा बीत चुके हैं ऐसे में पेड़ कई बड़े हो चुके हैं और इसके कारण पूरा माहौल बदल गया है। 7 माह पूर्व जगह पर कचरे जैसी स्थिति थी अब इस जगह पर 1100 से अधिक पेड़ लगने के कारण एक इकोसिस्टम बन गई है। जिसके कारण कई प्रजाति के पक्षी और जीव जंतु या पर पनाह ले रहे हैं। कई पेड़ों के कारण इस इलाके में एयर क्वालिटी भी सुधर गई है और अब इस इलाके में ऑक्सीजन चेंबर बन गया है।
पर्यावरण वादी विरल देसाई उनकी इस सफलता के बारे में बताया कि मियावाकी पद्धति से तैयार किए गए इस फॉरेस्ट में मानसून के बाद अलग परिस्थिति होगी। यहां आने वाले लोगों को विश्वास नहीं होगा कि वह उधना–लिंबायत इलाके में है क्योंकि यहाँ और बड़ी मात्रा में जीव सृष्टि विकसित होगी। जनजीवन के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर इसका गहरा असर होगा । जीव श्रुष्टि इस जगह पर अधिक विकसित हो इसके लिए हम वन में ज्वार और मक्का लगाया है। जिसके कारण पक्षी आएंगे और वह इस जगह पर बस जाएंगे।
सूरत का यह प्रथम अर्बन फॉरेस्ट जा तैयार हुआ है इस जगह में रहने वाले आरपीएफ अधिकारी और जवानों ने भी अर्बन फॉरेस्ट को लेकर आये सकारात्मक परिवर्तन से खुश है । अर्बन फॉरेस्ट में फल देने वाले पेड़ और सरगवा लगाया गया है इसलिए वहां के जवान फल और सब्जी के लिए उत्साहित है । विरल देसाई ने बताया कि आगामी दिनों में देश के शहरों के अर्बन फॉरेस्ट की जरूरत पड़ेगी ऐसे समय में सूरत अर्बन फॉरेस्ट की दिशा में गति पकड़ी है यह खुशी की बात है।