जीवनशैली

“अनुत्तरा” मास्टर वीवर ऑफ बिहार

इंडिया के हर एक कोने में कला बसती है। कई तरह की हस्तकलाए, हैंडलूम्स, बुनाई की अलग अलग बेहेतरीन तकनीक हमें इंडिया में देखने मिलती है। हर राज्य, हर ज़िले और हर गांव की अपनी खासियत है। इंडिया में बनने वाला कपड़ा और यहां की हस्तकला बहुत पुराने जमाने से पूरे विश्व में पसंद की जाती है और पिछले कुछ वर्षों में इसकी मांग और बढ़ती नजर आ रही है।

बिहार राज्य में पनपी ऐसी ही कुछ खास कलाओं का संगम कर एक ब्रांड खड़ा हुआ है “अनुत्तरा”। “अनुत्तरा” इस शब्द का मतलब होता है, “जो सब से बेहेतरीन है, बेस्ट है, सुपीरियर है वो हर चीज, हर बात, हर कला।”

अनुत्तरा की फाउंडर है श्रीमती कल्पना कुमारी जी। जैसा नाम उन्होंने अपने ब्रांड के लिए चुना है वैसे ही बेहेतरीन प्रोडक्ट्स ग्राहकों तक पहुंचाने का वादा भी किया है। सन २०११ में कल्पना जी ने अपना बिजनेस शुरू करने का निर्णय लिया और उन्हें भी उन सारी समस्याओं का सामना करना पड़ा जो हर एंटरप्रेन्योर को करना पड़ता है। रेडिमेड कपड़ों की बुटीक से शुरू हुई उनकी जर्नी आज बहुत बड़े आयाम तक पहुंच गई है। कल्पना कुमारी जी एक बेहेतरीन एंटरप्रेन्योर है, मास्टर वीवर है और सामाजिक कार्यकर्ता भी है।

कल्पना जी बिहार की हैंडलूम इंडस्ट्री, फैब्रिक इंडस्ट्री, भागलपुरी, मधुबनी, मैथिली, मंजूषा, सुजनी ऐसे बिहार के सारे आर्ट फॉर्म्स से अच्छी तरह से वाकिफ है और कला एवं कलाकारों का आदर करती है।

पिछले ५० वर्षों में भारत में रेडिमेड कपड़ों और चीजों की हवा इस तरह फैली की हैंडलूम जो भारत की पहचान थी उसकी तरफ से लोगों का ध्यान हट गया। नए नए आर्टिफिशियल फैब्रिक और नए फैशन के रेडिमेड कपड़ों ने पूरा मार्केट घेर लिया। परिणाम यह हुआ की, हैंडलूम इंडस्ट्रीज धीरे धीरे बंद पड़ती गईं और हैंडलूम के कारीगरों पर मजदूरी करने की नौबत आ गई।

आज कल्पना जी ने ऐसी कई बंद पड़ी लूम्स को जीवनदान दिया है। प्योर खादी, कॉटन, सिल्क, लिनन और भागलपुरी आर्ट ये उनकी खासियत है। “अनुत्तरा” ब्रांड को खड़ा कर कल्पना जी ने इन सारी कलाओं को अपना घर दिया है और कारीगरों और कलाकारों को हौसला। अपने इस ब्रांड से इन सारी लुप्त होती कलाओं को फिर से उजागर करने का काम कल्पना जी कर रही है। और ये हो पाया है उनके साथ जुड़े एक हजार से ऊपर कारीगरों और कलाकारों की मदद से। इन सब के सपने अनुत्तरा से जुड़े है और इन्हें विश्वास है अनुत्तरा के साथ उनकी कला देश विदेश तक पहुंचेगी।

१८ जून २०२३ को अनुत्तरा का नया शोरूम पटना, बिहार में खुलने जा रहा है साथ ही साथ बहुत जल्द अनुत्तरा ईकॉमर्स प्लेटफार्म के रूप में ग्राहकों तक पहुंचने जा रहा है। जिससे पूरे भारत से लोग प्योर हैंडलूम के कपड़े, साड़ियां ऑनलाइन खरीद सकते है।

भारत के जो लोग हैंडलूम फैब्रिक पसंद करते है उनके लिए ये बेहेतरीन प्लेटफार्म होगा जिसमें पुरुष, महिलाए, यूथ, और बच्चो के प्योर खादी, सिल्क लिनन से बने एथनिक और मॉडर्न स्टिच्ड कपड़े, होम फर्निशिंग, होम डेकोर, आर्ट और क्राफ्ट, पर्सनल केयर, स्पेशली बिहारी खासियत का ऑर्गेनिक पैकेज्ड फूड इस सब का समावेश होगा।

इस पूरी वाइड रेंज के साथ अनुत्तरा ऑनलाइन ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म, ऑफलाइन शोरूम्स और B2B तथा फ्रेंचाइज की बिजनेस opportunities लेकर आ रहा है।

लेटेस्ट फैशन, हैंडलूम और बिहार की मिट्टी के ऑथेंटिक प्रोडक्ट्स और हस्तकला अब आप से ज्यादा दूर नहीं रही।

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