जीवनशैली

उषा किरण मुद्गल | विशेष साक्षात्कार

1) क्या आप किसी ऐसी महिला का उदाहरण साझा कर सकती हैं जिसने आपके लेखन को प्रेरित किया है, और वह आपके साथ क्यों प्रतिध्वनित हुई?

उषा: मै जब नवीं कक्षा मे थी उस समय मेरी बड़ी बहन हिन्दी M.A. कर रही थीं और मै उनकी काव्य की पुस्तक खूब पढ़ती थी, उन्हे सुनाती थी, लेखन का बीज यहीं से अंकुरित हुआ और वो मेरी प्रेरणा बनी।

2) आप अपने जीवन के अन्य पहलुओं, जैसे परिवार या कार्य दायित्वों के साथ लेखन को कैसे संतुलित करती हैं?

उषा: मै अपनी लेखन प्रक्रिया शांत वातावरण मे करती हूँ अतः निजी कार्य अथवा पारिवारिक कार्य को पूर्ण करके रात्री का समय ही ठीक पाती हूँ जो स्वच्छन्द भाव से लिख सकूँ।

3) आप अपने काम की आलोचना या नकारात्मक समीक्षाओं को कैसे संभालती हैं, और एक लेखक के रूप में सुधार करने के लिए आप क्या कदम उठाती हैं?

उषा: जो विधा समाज से जोड़ती है उसमे हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए। कई बार आलोचना हमें सिखाती भी है और कई बार हमे उसे सुभाव रूप मे लेना चाहिए।

4) आपको एक कवित्री के लिए क्या प्रेरणा मिली, और आपने अपनी शुरुआत कैसे की?

उषा: इसके लिए मै पुस्तकों व उन कवियों को धन्यवाद देती हूँ जिनकी पुस्तकों ने मुझे काव्य विधा  मे डूबना सिखाया।

5) क्या आप एक लेखक के रूप में आपके सामने आई कोई विशेष चुनौतियाँ साझा कर सकती हैं, और आपने उनसे कैसे पार पाया?

उषा: मुझे परिवार मे एक समृद्ध परिवेश मिला अतः मुझे चुनौती तो नही प्रोत्साहन ही मिला।

6) किसी कविता संग्रह के लिए अपने मूल दृष्टिकोण के प्रति सच्चे रहते हुए, आप संपादकों से मिली प्रतिक्रिया को शामिल करने में कैसे संतुलन रखती हैं?

उषा: मै लेखन से समझौता कभी नही करती।

7) आपको अपने जीवन में सबसे अच्छी सलाह क्या मिली है?

उषा: जीवन मे जो भी कार्य करो उसे समझो, परखो, उसके बाद पूरे मन से करो फिर संशय नही रखना चाहिए।

8) आपको अपने कार्यक्षेत्र में आगे बढ़ते रहने के लिए क्या प्रेरित करता है?

उषा: पुस्तकें मेरे जीवन का हिस्सा रही हैं। वह मुझे सदैव प्रेरित करती हैं।

Rapid Fire:

1) आपकी अब तक की सबसे पसंदीदा किताब कौन सी है?

उषा: कामायनी

2) लंबे लेखन सत्र के बाद आराम करने का आपका पसंदीदा तरीका क्या है?

उषा: पुस्तकें मुझे विश्राम भी प्रदान करती हैं।

3) क्या आप मौन में लिखना पसंद करती हैं या बाहरी शोर के साथ?

उषा: मौन मे।

4) आपका पसंदीदा लेखन स्थल या स्थान?

उषा: कोई भी शान्त स्थल।

5) यदि आप किसी लेखक (जीवित या मृत) के साथ एक पुस्तक का सह-लेखन कर सकें, तो वह कौन होगा

उषा: श्री जयशंकर प्रसाद जी।

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