विज्ञान

हेडेरा की गवर्निंग काउंसिल में शामिल हुआ आईआईटी मद्रास

नई दिल्ली: ब्लॉकचेन से जुड़ी डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर तकनीक (डीएलटी) क्षेत्र में शोध एवं अनुसंधान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास ने हेडेरा हैशग्राफ के साथ अपनी कड़ी जोड़ी है। हेडेरा हैशग्राफ को इस प्रकार की तकनीकों में महारत हासिल है और वह अपनी इस विशेषज्ञता के कारण वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित है। उसके अनुभव से डीएलटी के मोर्चे पर आईआईटी मद्रास की राह और सुगम होगी। हेडेरा हैशग्राफ की संचालन परिषद (गवर्निंग काउंसिल) में कई विश्वविख्यात संस्थान जुड़े हुए हैं और अब इनमें आईआईटी मद्रास का नाम भी शामिल हो गया है।

इसके द्वारा आईआईटी मद्रास अपनी तकनीकी शिक्षा में हेडेरा के ईकोसिस्टम का लाभ उठाएगी। हेडेरा हैशग्राफ काउंसिल में अपने कार्यकाल का इस्तेमाल आईआईटी मद्रास डीएलटी क्षेत्र में शोध एवं विकास (आरएंडडी) गतिविधियों को बढ़ावा देने में करेगी। विशेषकर हेडेरा कंसेंसस सर्विसेज और हेडेरा टोकन सर्विजेस जैसी सेवाओं के माध्यम से स्वयं को समुन्नत करेगी।

इस साझेदारी पर आईआईटी मद्रास में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर प्रभु राजगोपाल बताते हैं- ‘हमने हेडेरा हैशग्राफ में व्याप्त विपुल संभावनाओं को चिन्हित किया है। यह पहले से बाजार में व्यापक रूप से मौजूद है और हम इस साझेदारी से नए आयाम गढ़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आईआईटी मद्रास अक्षय ऊर्जा, दूरसंचार, गैर-विध्वंसक परीक्षण, बायोमीट्रिक, स्वास्थ्य सेवाओं और सूचना एवं संचार तकनीकों के क्षेत्र में अग्रणी होने के साथ ही अपने प्रतिष्ठित अल्मुनाई समुदाय की वजह से विश्व स्तर पर जाना जाता है।’ प्रो. राजगोपाल आईआईटी मद्रास में सेंटर फॉर नॉन डिस्ट्रक्टिव इवॉल्यूशन (सीएनडीई) में रिमोट डायग्नोस्टिक्स के भी प्रमुख हैं।

हेडेरा हैशग्राफ के साथ साझेदारी पर प्रो. राजगोपाल ने आगे बताया-‘कांउसिल के अन्य सदस्यों के लिए हम अपने व्यावहारिक एवं नवाचार तकनीकी समाधानों की विशेषज्ञता से अपना योगदान करेंगे। मैं खासतौर से हेल्थकेयर, उद्योग एवं डिजिटल मीडिया में अपनी ब्लॉकचेन आधारित तकनीकों के उपयोग के परीक्षण को लेकर उत्साहित हूं।’

प्रो. राजगोपाल के समूहकीसेंसर लॉग्स से उत्पन्न होने वाले लार्ज-स्केल डिजिटल डेटा-सेट्स के सुरक्षाकरण में रुचि है।

ब्रिटेन के प्रतिष्ठित लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस (एलएसई) की हेडेरा काउंसिल से जुड़ाव के कुछ दिन बाद ही आईआईटी मद्रास भी काउंसिल का हिस्सा बना है।

हेडेरा हैशग्राफ विकेंद्रीकृत अर्थव्यवस्था निर्माण के लिए सर्वाधिक उपयोग किया जाने वाला नेटवर्क है। बोइंग, एलजी, नोमुरा होल्डिंग्स, विप्रो, जईन ग्रुप, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, ड्यूश टेलीकॉम और टाटा कम्युनिकेशंस जैसे कई दिग्गज इस नेटवर्क के साथ जुड़े हैं। ये सभी संस्थान अपने अनुभवों और विशेषज्ञता से हेडेरा हैशग्राफ को समृद्ध करते हैं, जो डिस्ट्रब्यूटेड लेजर तकनीक में सक्रिय एक प्रमुख नेटवर्क है। यही तकनीक ब्लॉकचेन जैसे नवाचारों को आधार प्रदान करती है। (इंडिया साइंस वायर)

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