नई दिल्ली : कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने में भारत दृढ़ता से जुटा हुआ है। इसी कड़ी में कार्य करते हुए वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) से सम्बद्ध मैसूर स्थित प्रयोगशाला केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान (सीएफटीआरआई) द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर सीरोलॉजिकल सर्वेक्षण की पहल की गई है।
यह सर्वेक्षण सीएसआईआर की नई दिल्ली स्थित एक अन्य प्रयोगशाला इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स ऐंड इंटिग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) के साथ संयुक्त रूप से किया गया है। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य देशभर में फैली सीएसआईआर की प्रयोगशालाओं के क्षेत्र में आने वाली जनसंख्या में कोविड-19 के प्रति प्रतिरोधक क्षमता स्तर और हर्ड इम्यूनिटी के स्तर को परखना है।
सीएसआईआर-सीएफटीआरआई द्वारा जारी वक्तव्य में कहा गया है कि इस अध्ययन के परिणाम देश में कोविड-19 टीकाकरण को प्रभावी बनाने में सहायक हो सकते हैं। यह फेज-2 अध्ययन है, जो विगत 4 फरवरी से लेकर 8 फरवरी के बीच किया गया है। इस अभियान का उद्घाटन सीएसआईआर-सीएफटीआरआई की निदेशक डॉ श्रीदेवी अन्नपूर्णा सिंह द्वारा किया है।
उल्लेखनीय है कि लोगों में कोविड-19 की व्यापकता का आकलन करने के लिए सीरोलॉजिकल सर्वेक्षण किया जाता है। यह वायरस के खिलाफ उत्पन्न होने वाली विशिष्ट एंटीबॉडी की उपस्थिति का पता लगाने के उद्देश्य से किया जाता है। सीरोलॉजिकल सर्वे में आईजीजी एंजाइम-लिंक्ड इम्यूनोसॉरबेंट परीक्षण (ELISA) शामिल है। (इंडिया साइंस वायर)