विज्ञान

वर्चुअल स्वरूप में आयोजित होगा अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव

नई दिल्ली (इंडिया साइंस वायर): कोरोना संक्रमण से बचाव में सामाजिक दूरी एक अहम अस्त्र है। यही कारण है कि इन दिनों भीड़-भाड़ वाले महत्वपूर्ण कार्यक्रम आभासी (वर्चुअल) स्वरूप में ही आयोजित किए जा रहे हैं। भारत के प्रतिष्ठित वार्षिक आयोजन इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (आईआईएसएफ) का छठवां संस्करण (2020) भी आभासी स्वरूप में अपनी छटा बिखेरने को तैयार है। इस विज्ञान महोत्सव का प्रमुख उद्देश्य भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों को प्रदर्शित करना और समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है। 

इस वर्ष महोत्सव की विषयवस्तु है- “आत्मनिर्भर भारत एवं विश्व कल्याण के लिए विज्ञान”। स्पष्ट है कि इस बार का अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में विज्ञान की भूमिका पर केंद्रित होगा। आयोजन में वैज्ञानिकों एवं प्रौद्योगिकीविदों से लेकर उद्योगपतियों, शिक्षकों, शिल्पकारों, किसानों, छात्रों और नवाचारियों की भागीदारी प्रमुख रूप से होगी। इस आयोजन के माध्यम से युवाओं को विज्ञान की ओर आकर्षित करने और विज्ञान को लोकप्रिय बनाने की दिशा में काम करने वाले हितधारकों की परस्पर नेटवर्किंग का प्रयास भी किया जाएगा। 

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) तथा विज्ञान भारती द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किए जाने वाला यह वार्षिक विज्ञान उत्सव 22 से 25 दिसंबर 2020 तक चलेगा। इस आयोजन में देश और दुनिया के लाखों प्रतिभागियों के ऑनलाइन रूप से शामिल होने की उम्मीद है। 

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने हाल ही में विज्ञान महोत्सव का ई-ब्रोशर जारी किया है। इस अवसर पर आईआईएसएफ-2020 की वेबसाइट भी शुरू की गई है। विज्ञान महोत्सव से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों की सूचना और भागीदारों का पंजीकरण इसी वेबसाइट के माध्‍यम से किया जाएगा। इस बारे में विस्‍तृत जानकारी आईआईएसएफ की वेबसाइट www.scienceindiafest.org पर उपलब्‍ध है।

डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि “इस वर्ष आईआईएसएफ उत्‍सव 22 दिसंबर, 2020 को शुरू होगा, जो कि विश्‍व विख्‍यात भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन का जन्‍मदिन है और इसका समापन 25 दिसम्‍बर को पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्‍मदिवस पर होगा। इस मेगा विज्ञान उत्‍सव का समन्‍वय सीएसआईआर कर रहा है और आयोजन के लिए नोडल संस्था नई दिल्‍ली स्थित सीएसआईआर-नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ साइंस, टेक्‍नोलॉजी ऐंड डेवलपमेंट स्‍टडीज (निस्टैड्स) होगी।”  उन्होंने कहा कि – यह आयोजन वर्चुअल माध्‍यम से आयोजित किया जाएगा, जिससे देश के दूरदराज क्षेत्रों के विज्ञान-प्रेमी सिर्फ एक क्लिक के जरिये इस आयोजन से जुड़ सकेंगे।

आईआईएसएफ एक बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम है, जिसमें विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों का उत्सव मनाया जाता है। पिछले वर्ष के विज्ञान उत्सव में कुल 28 कार्यक्रमों का आयोजन किया था। जबकि, इस वर्ष कार्यक्रमों की संख्या बढ़ाकर 41 कर दी गई है। आईआईएसएफ-2020 में  भारतीय विज्ञान का इतिहास, दर्शन एवं विज्ञान, कृषि प्रौद्योगिकी, स्‍वच्‍छ वायु, ऊर्जा, कचरा एवं साफ-सफाई, जैव विविधता और साइंस डिप्लोमेसी समेत कई नए आयाम जोड़े गए हैं।

इस बार आईआईएसएफ में, वर्चुअल साइंस फेस्टिवल, लाइट शैडो ऐंड टाइम डिवाइस मेकिंग, हैंड हाइजीन गतिविधि पर आधारित ऑनलाइन पाठ, सुरक्षात्मक मास्क का उपयोग और पोषण एवं स्वास्थ्य पर केंद्रित पाँच अलग-अलग विषयों पर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की कोशिश की जाएगी। 

पिछले वर्ष यह उत्‍सव कोलकाता में आयोजित किया गया था। इससे पहले, वर्ष 2015 में पहली बार आईआईएसएफ का आयोजन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली में हुआ था और दूसरे साल भी इस महोत्सव को दिल्ली में ही स्थित सीएसआईआर-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (एनपीएल) में आयोजित किया गया था। तीसरे साल आईआईटी, चेन्नई और चौथे वर्ष लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आईआईएसएफ का आयोजन किया गया था। (इंडिया साइंस वायर)

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