बिज़नेस

जागृति डिजिटल यात्रा का डिजिटल उद्यमिता कार्यक्रम शुरू, इस बार यह 850 यात्रियों के साथ विश्व की सबसे बड़ी यात्रा बनती है

पुणे: कोरोना महामारी से बाहर आते हुए अब विश्व नई ऊंचाइयों की ओर आगे बढ़ रहा है, जागृति ने विश्व का सबसे बड़ा डिजिटल कार्यक्रम जागृति डिजिटल यात्रा 2021 की शुरूआत की। पिछले वर्ष की सफलता के बाद इस बार यात्रा में 850 डिजिटल यात्री शामिल हो रहे है, जिनमें 50 प्रतिशत महिलाएं है, ये यात्री देश के विभिन्न भाग से आते है, जिन्हें 20000 लोगों में से चुना गया है। उद्यम से भारत निर्माण के प्रति प्रेरित यह यात्री युवा है जिनकी उम्र 20 से 35 वर्ष के मध्य है और ये देश के छोटे जिलों और शहरों से आते है। इन सभी में उद्यमी बनने का एक जुनून है।

जागृति डिजिटल यात्रा की शुरूआत 24 दिसंबर 2021 को हुई, यह यात्रा 15 दिन तक डिजिटल रूप से देश का भ्रमण करेगी। यात्रा का आयोजन फेसबुक वर्कप्लेस के माध्यम से किया जा रहा है। इसमें यात्री रोल मॉडल से मुलाकात करेंगे जो सामाजिक उद्यम चला रहे है, इसके अलावा बिजनेस योजना प्रतियोगिताएं भी होंगी। यात्रा में सुप्रसिद्ध वक्ता जैसे विवेक चंद सहगल (अध्यक्ष मदरसन ग्रुप) संजीव बिकचंदानी (पद्मश्री, नौकरी.कॉम के संस्थापक), मकरंद परांजपे (लेखक, स्वामी विवेकानंद – हिंदूईजम एंड इंडियाज रोड टू मॉडर्निटी) और डॉ. विक्रम संपथ (सावरकर के बायोग्राफर) शामिल होंगे। यात्रा में 6 विषयों पर पैनल चर्चा भी होगी जो छोटे शहरों और जिलों से संबंध रखते है जैसे – स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, डिजिटल, शहरीकरण, कृषि और परिधान व हस्तशिल्प)। यात्रा में 90 घंटे तक कंटेट होगा इसके साथ ही 150 से ज्यादा वक्ता 15 दिन तक साथ रहेंगे। प्रतिभागियों से सीधा संवाद स्थापित करते हुए उन्हें ऑनलाइन उद्यमिता की सीख दी जाएगी।

जागृति डिजिटल यात्रा 2021 इस बात पर विश्वास करती है कि मध्य भारत जिसे हम छोटे शहर और जिला कहते है वहां कि ऊर्जा से देश निर्माण में अहम योगदान दे सकती है। यदि ध्यान केंद्रित किया जाएगा तो हम देखेंगे की यहां के उद्यमी स्थानीय रोजगार पैदा करके इसे एक राष्ट्रीय आंदोलन बना सकते है।

जागृति डिजिटल यात्रा 2021 की साझेदार है – आईसीआईसीआई बैंक, एचएसबीसी, टाटा स्टील फाउंडेशन, टाटा स्टील, उत्तर-प्रदेश राज्य स्टार्टअप, एनवायईएफ, विज्ञान यूनिवर्सिटी, एसएनडीटी यूनिवर्सिटी, मनिपाल यूनिवर्सिटी, डिजिटल इंपैक्ट स्क्वैयर, बीएआईएफ, एनएसआरसीईएल, गोविंदलाय, स्त्री उद्यमी फाउंडेशन।

शशांक मणि (संस्थापक – जागृति यात्रा, जागृति उद्यम केंद्र पूर्वांचल कहते है कि डिजिटल यात्रा यह दर्शाती है कि संकट के समय कितनी नई पहल की गई। हम 15 दिवसीय इस रेल यात्रा में कुछ नया करने से पहले सावधानी बरतते है। लेकिन इस संकट ने यात्रा का मूल रूप ही बदल दिया। जागृति डिजिटल यात्रा के साथ, जबकि भौतिक यात्रा के अनुभव का इसमें अभाव है, हमें इस विचार पर भी विश्वास है कि हर वर्ष भौतिक यात्रा में इस स्वरूप को शामिल करने से यात्रा की पहुंच कई गुना बढ़ जाएगी।

शरत बंसल (अध्यक्ष, जागृति) ने कहा कि 2020 से पहले जब कोरोना महामारी नहीं थी तब 12 सालों तक हमने भौतिक रूप से जागृति रेल यात्रा का आयोजन किया। कोरोना महामारी ने हमारे सामने 2020 में चुनौती रखी। फिर भी हमने चुनौती को पार करते हुए इस यात्रा को जारी रखने का फैसला किया। और यही से जन्म हुआ जागृति डिजिटल यात्रा का जिसने यात्रा को बड़ा बनाया बेहतर बनाया और ज्यादा प्रतिभागियों को शामिल होने का मौका मिला।

सुनील पनगारकर (बोर्ड सदस्य, जागृति) ने कहा कि सीखने, साथ काम करने और भविष्य निर्माण की भावना ही जागृति का उद्देश्य है। हमने यह पाया कि यात्रा का डिजिटल रूप न केवल एक नया रूप है बल्कि यह देश की सेवा का एक नया अवतार भी है। उनके लिए जो किसी कारणवश भौतिक यात्रा में शामिल नहीं हो सकते।

जागृति के बारे में

जागृति राष्ट्रीय स्तर पर काम करने वाली एक चैरिटेबल संस्थान है, जिसका मिशन है उद्यम से देश निर्माण। जागृति यात्रा ने पिछले 13 वर्षों में 6000 युवाओं को एक रेल यात्रा में देश भ्रमण कराया, जिससे वे मध्य भारत को समझ सकें। जागृति के द्वारा जागृति उद्यम केंद्र पूर्वांचल का निर्माण देवरिया उत्तर-प्रदेश में किया जा रहा है। यह एक टायर 3 जिला है जहां स्थानीय उद्यमों को बढ़ावा दिया जा रहा है। देश के 4 हिस्सों में बनने वाले सेंटर में यह पहला सेंटर है। जेईसीपी का कार्य स्थानीय स्तर पर उद्यमों को प्रेरित कर उनके उद्यमों को सफल बनाना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button